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Thursday 4 June 2015

बच्चों के अधिकार पत्र................

बच्चों के अधिकार पत्र
वह सभी व्यक्ति एक बच्चा है जो 18 वर्ष से कम आयु का है। अभिभावकों की प्राथमिक जिम्मेदारी है कि वे बच्चों के पोषण और विकास कार्य पर ध्यान दें। राज्य बच्चों के अधिकार का सम्मान करेगी और उसे सुनिश्चित कराएगी।
प्रतिष्ठा व अभिव्यक्ति
मुझे अपने अधिकार के बारे में जानने का अधिकार है। (अनुच्छेद-42)
मुझे एक बच्चा होने का अधिकार है। इसके लिए यह बात मायने नहीं रखता कि मैं कौन हूँ, कहाँ रहता हूँ, मेरे माता-पिता क्या करते हैं, मैं कौन सी भाषा बोलता हूँ, मैं किस धर्म का पालन करता हूँ, मैं एक लड़का हूँ या एक लड़की, मैं किस संस्कृति का पालन करता हूँ, चाहे मैं अपंग हूँ और मैं एक अमीर या गरीब बच्चा हूँ। इन आधारों पर मेरे साथ किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह इसे जानें। (अनुच्छेद- 2)
मुझे अपने विचारों को स्वतंत्र रूप से अभिव्यक्त करने का अधिकार है जिसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए, और हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह दूसरे व्यक्ति को ध्यान से सुनें। (अनुच्छेद- 12 व 13)
मुझे गलती करने का अधिकार है और सभी व्यक्तियों की जिम्मेदारी है कि उसे स्वीकार करें। हमलोग अपनी गलतियों से सीख सकते हैं। (अनुच्छेद- 28)
मुझे अधिकार है कि मेरी क्षमता कुछ भी होने के बावजूद मुझे शामिल किया जाए और सभी व्यक्तियों की जिम्मेदारी है कि वह दूसरे व्यक्ति (भले ही उसकी क्षमता उसके समान नहीं हो) उसका सम्मान करें। (अनुच्छेद- 23)
विकास
मुझे अच्छी शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है और सबकी जिम्मेदारी है कि वह बच्चे को स्कूल जाने के लिए प्रेरित करें। (अनुच्छेद- 23, 28 व 29)
मुझे स्वस्थ रहने का अधिकार है और सभी की जिम्मेदारी है कि वह दूसरों को आधारभूत स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने व स्वच्छ जल प्राप्त करने में मदद करें। (अनुच्छेद- 24)
मुझे भरपेट भोजन पाने का अधिकार है और सभी की जिम्मेदारी है कि वे लोगों की भूख से रक्षा करें। (अनुच्छेद- 24)
मुझे पर्यावरण को स्वच्छ रखने का अधिकार है और सबकी जिम्मेदारी है कि वे पर्यावरण को दूषित नहीं करें। (अनुच्छेद- 29)
मुझे खेलने और आराम करने का अधिकार है (अनुच्छेद 31)
देखभाल और संरक्षण
मुझे प्यार या स्नेह पाने और खतरों व शोषण से सुरक्षा पाने का अधिकार है और सभी व्यक्तियों की जिम्मेदारी है कि वह दूसरों को प्यार दें व उसकी देखभाल करें। (अनुच्छेद-19)
मुझे अपने परिवार में रहने और सुरक्षित व आरामदायक घर पाने का अधिकार है और सभी व्यक्तियों की जिम्मेदारी है कि वे यह सुनिश्चित करें कि सभी बच्चों को का अपना परिवार और एक घर हो। (अनुच्छेद- 9 व 27)
मुझे अपने विरासत और विश्वासों पर गर्व करने का अधिकार है और हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह दूसरे की विरासत व विश्वास का सम्मान करें। (अनुच्छेद- 29 व 30)
मुझे बिना हिंसा और शारीरिक दंड (मौखिक, शारीरिक व भावनात्मक) के रहने का अधिकार है और सभी व्यक्तियों की जिम्मेदारी है कि वह दूसरों के साथ हिंसात्मक व्यवहार न करें। (अनुच्छेद- 2, 28, 37 व 39)
मुझे यौन और आर्थिक शोषण से सुरक्षा पाने का अधिकार है और हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह यह सुनिश्चित करें कि किसी बच्चे को बाल मजदूरी नहीं करनी पड़े और उसे एक स्वतंत्र और सुरक्षित माहौल उपलब्ध हों। (अनुच्छेद- 32 व 34)
मुझे सभी प्रकार के शोषण से सुरक्षा पाने का अधिकार है और सभी व्यक्तियों की जिम्मेदारी है कि वे यह सुनिश्चित करें कि मेरा उपयोग किसी लाभ के लिए नहीं किया जाए। (अनुच्छेद-36)
बच्चों को प्रभावित करने वाले सभी गतिविधियों में बच्चों के सर्वोत्तम हित को प्राथमिकता दी जाएगी ।
ये सभी बाल अधिकार और जिम्मेदारियाँ, संयुक्त राष्ट्र के बाल अधिकार पर 1989 में हुए सम्मेलन में स्वीकार किये गये थे।
इसमें दुनियाभर के सभी बच्चों के लिए स्वीकृत अधिकार को शामिल किया गया है और भारत सरकार ने इस दस्तावेज पर 1992 में हस्ताक्षर किये....................

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